देश तरक्की पर है , समलैंगिकता की सरकारी इजाजत के बाद अब बारी पशु मैथुन की इजाजत की

    
खबर : 

केंद्र ने की गे-सेक्स की पुरजोर पैरवी


और दूसरी खबर : 

महिला आयोग की अधिकारिणी जी ने एक सभा में यह कहा  कि किसी को देख किसी को सेक्सी कहना अश्लील नहीं है. उन्होंने शब्दकोष के हवाले से कहा कि सेक्सी का मतलब स्त्री का आकषर्क व सुंदर होने का पर्याय है. यह एक विशेषण भर है! 

सरकार ने भारतीय संस्कृति के हवाले से उचित ठहराया . 

यही सरकार सुप्रीम कोर्ट में कह रही थी , हमें पाता नहीं , भगवान राम थे कि नहीं , 

मगर समलैंगिकता के प्रमाण उन्हें भारतीय संस्कृति में मिल गए . 

बलिहारी है हमारी काम करने वाली सरकार की .
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कितने आकर्षक मुद्दे हैं देश के सामने, 

क्यों न लगे हाथ पशुओं से विवाह को भी जायज़ करार दिया जाये . 

जब पशु को खाने पर पाबन्दी नहीं तो विवाह में पाबन्दी क्यों : 

हम कब प्रगतिशील होंगे !

हम कब पश्चिमी सभ्यता को टक्कर दे कर पीछे छोडेंगे . 

   

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