INDIA ON VERGE OF CIVIL WAR from last 73 years.
भारत पाकिस्तान के युद्ध से बडा होगा भारत में ग्रहयुद्ध.
++++++
अरे हिंदुओं अब तो समझ जाओ गंगा जमुनी संस्कृति कुछ नहीं होती है
ईश्वर अल्लाह तेरे नाम नहीं है
ईश्वर सब की रक्षा करता है
अल्लाह का हुक्म है कि काफिर को छोड़ो मत
नहीं समझना चाहते तो मत समझो
गंगा जमुनी संस्कृति की बात सिर्फ हिंदुओं को धोखे में रखने के लिए है
हिंदू भी दो तरह के हैं नामधारी हिंदू
जिनका केवल नाम हिंदू है
अंदर से वह ना कुछ जानते हैं न जानना चाहते हैं
अपने धर्म को ही नहीं जानते हैं दूसरे को क्या जानेंगे
और वह हिंदू जो वास्तव में हिंदू हैं
++++++
सभी हिंदुओं को यह लेख अवश्य पढ़ना चाहिए.
👇
पाकिस्तान के पास सबसे बड़ा हथियार उसका परमाणु बम नहीं बल्कि भारत में बसे 20 करोड़ से अधिक मुसलमान हैं !
यह बात मैं नहीं कह रहा हूँ , यह बात 1980 के दशक में जनरल जि़या उल हकं ने कह दी थी।
उसने कहा था कि जब भारत में पाकिस्तान से ज्या़दा मुसलमान हैं तो हमें वहाँ लड़ने के लिए अपने सैनिक भेजने की क्या ज़रूरत है ?
तब से पाकिस्तान ने अपनी सोच, स्ट्रेटजी बदल ली है,
तब से ही पाकिस्तान ने भारत के मुसलमानों को रेडिकलाइज़ करने में इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया है।
हर शहर, हर गली में मदरसे, जहाँ की शिक्षा उसका जीता जागता उदाहरण है।
2014 से पहले रही काँग्रेस जैसी भारत की अपनी सरकारों और ग़द्दार नेताओं ने भी इस आग में खूब घी डाला है।
आज अगर मोटा मोटा आकलन करें तो भी कम से कम 10% मुसलमान इस्लामी कट्टर हो चुका है ! संख्या में ये कितने हुए ?
20 करोड़ का 50%, यानी दस करोड़ !
जबकि भारत के पास लगभग 15 लाख फौज है, मतलब पूरे भारत की फौज संख्या से पचास-साठ गुना ज्या़दा !
अब अगर पाकिस्तान इन्हें भारत में दंगे फसाद फैलाने का सिग्नल दे दे, जबकि हर मुस्लिम के घर मे हथियार भी है, तो आप कैसे संभालोगे ?
और जो बाकी के बचे मुस्लिम हैं वो आपके साथ खड़े होकर इसका विरोध करते नहीं दिखेंगे ! वे या तो मूकदर्शक बनकर हवा का रुख भांपेंगे, या शोर मचाएँगे कि मुसलमानों के साथ कितना अत्याचार हो रहा है !
इस शोर में सिक्यूलर मिडिया और हिन्दू विरोधी विचारधारा वाले नेता भी इनका साथ देंगे
अगर दो चार प्रतिशत मुसलमान सचमुच इसके विरोध में भी होंगे तो वे वैसे ही अप्रासंगिक होंगे जैसे 1947 के पहले भारत विभाजन के समय थे !
पिछले कुछ समय से भारत के अलग अलग शहरों में किसी न किसी बहाने से पचास हजा़र या एक लाख मुसलमान जुटते रहे हैं, उन्होंने हिंसक प्रदर्शन किया हैं ! कभी किसी हिन्दू त्योहार के मौके पर या कहीं पैगम्बर से गुस्ताखी के विरोध के बहाने से !
पता है यह सब क्या है?
ये विरोध प्रदर्शन नहीं है!
यह सब उसी मारक हथियार के मकैनिज्म़ को टेस्ट करने की पाकिस्तान की प्रक्रिया भर है !
उद्दहारण /सबूत
भारत में 1965 तक मुस्लिम रेजिमेंट सेना थी जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग थे, 1965 में पाकिस्तान युद्ध मे उन्होंने पाकिस्तान पर हमला करने से मना कर दिया था तब उस रेजिमेंट को तोड़ा गया था.
लेकिन सोचिए ज़रा इससे निपटने की हमारी तैयारी क्या है?
हमारा प्रौब्लम पता है क्या है, वो ये है कि हम समझते हैं सब सरकार करेगी
जिस दिन युद्ध होगा उस दिन सरकार उतना ही करेगी, जितना सैनिक उपलब्ध होंगे उसे बाँर्डर पर भेज देगी !
वो रेल कि पटरी उखाड़ देगे, गदर मचायेंगे, लूटपाट करेंगे,
ऐसा 1947 मे कलकत्ता में देश विभाजन के समय हुआ था जो एक कढ़वी सच्चाई है। लेकिन क्या तब आप इन दस करोड़ को रोक पायेंगे ?
युद्ध जिस स्तर पर लड़ा जाता है उसका मुका़बला भी उस ही स्तर पर किया जा सकता है!
दुश्मन सामाजिक स्तर पर लड़ाई लड़ने को अपनी तैयारी लगभग पूरी कर चुका है!
लेकिन क्या हम इस दिशा में एक भी कदम आगे बढ़े हैं ?
दो टूक जवाब कढ़वा है ... नहीं!
बस सारा दिन मोदी मोदी...
वो पंचर बना लेंगे, मुर्गा मुर्गी बेच लेंगे, हजामत बना लेंगे, नहीं तो फेरी लगा कर कबाड़ खरीदेंगे बेचेंगे!
क्योंकि उन्होंने अपना लक्ष्य तय कर रखा है, वो जो भी करेंगे अपने उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ही करेंगे!
हाँ उनके कुछ लोग जो प्रशिक्षित हैं वो इन मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से सीमित मात्रा में बोलते देखे जा सकते हैं, जो सिर्फ आपको व्यवस्था के प्रति आक्रोशित करने के लिए! ये वही हैं जो सिर्फ मुद्दे को लोगों के बीच उकसाते हैं और फिर अलग हो जाते हैं (जैसे जावेद अख़तर, अनुराग कश्यप,स्वरा भास्कर, विशाल ददलानी, रवीश,अभिसार, बरखा इत्यादी) और वहाँ मौजूद हम और आप, उस मुद्दे के पक्ष-विपक्ष में वाक्युद्ध में संलग्न होकर अपने आपसी रिश्ते बिगाड़ते हैं और वह तमाशा देखते हैं!
ये भी उनकी स्ट्रैटजी का हिस्सा ही है, जिसे हम हिन्दू भाँप नहीं पाते!
ऐसी विषम परिस्थिति में अब भी समय हैं कि हम समय रहते अपने बीच में एक षड्यंत्र द्वारा फैलाए जा रहे वैमनस्य पैदा करने वाले मुद्दों को पीछे छोड़ अपने अस्तित्व के संकट के प्रति एकजुट हों!
इससे निपटने का कोई एक्शन प्लान बनायें और उस पर अमल करें!
अन्यथा वह समय अब आ गया है कि हम विश्वगुरु के सपने देखते हुए अपना वर्तमान भी खो देंगे !
भविष्यवाणी 🙏🇮🇳👇
"भारत मे अगला युद्ध पाकिस्तान से होगा लेकिन वह युद्ध नहीं भारत के अंदर विश्व का सबसे बड़ा ग्रहयुद्ध होगा.
याद रखिए... 🙏👇
हिंदू बँटेगा तो कटेगा
वंदेमातरम्
जय श्री राम
जय भारत भूमि
भारत पाकिस्तान के युद्ध से बडा होगा भारत में ग्रहयुद्ध.
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अरे हिंदुओं अब तो समझ जाओ गंगा जमुनी संस्कृति कुछ नहीं होती है
ईश्वर अल्लाह तेरे नाम नहीं है
ईश्वर सब की रक्षा करता है
अल्लाह का हुक्म है कि काफिर को छोड़ो मत
नहीं समझना चाहते तो मत समझो
गंगा जमुनी संस्कृति की बात सिर्फ हिंदुओं को धोखे में रखने के लिए है
हिंदू भी दो तरह के हैं नामधारी हिंदू
जिनका केवल नाम हिंदू है
अंदर से वह ना कुछ जानते हैं न जानना चाहते हैं
अपने धर्म को ही नहीं जानते हैं दूसरे को क्या जानेंगे
और वह हिंदू जो वास्तव में हिंदू हैं
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सभी हिंदुओं को यह लेख अवश्य पढ़ना चाहिए.
👇
पाकिस्तान के पास सबसे बड़ा हथियार उसका परमाणु बम नहीं बल्कि भारत में बसे 20 करोड़ से अधिक मुसलमान हैं !
यह बात मैं नहीं कह रहा हूँ , यह बात 1980 के दशक में जनरल जि़या उल हकं ने कह दी थी।
उसने कहा था कि जब भारत में पाकिस्तान से ज्या़दा मुसलमान हैं तो हमें वहाँ लड़ने के लिए अपने सैनिक भेजने की क्या ज़रूरत है ?
तब से पाकिस्तान ने अपनी सोच, स्ट्रेटजी बदल ली है,
तब से ही पाकिस्तान ने भारत के मुसलमानों को रेडिकलाइज़ करने में इन्वेस्ट करना शुरू कर दिया है।
हर शहर, हर गली में मदरसे, जहाँ की शिक्षा उसका जीता जागता उदाहरण है।
2014 से पहले रही काँग्रेस जैसी भारत की अपनी सरकारों और ग़द्दार नेताओं ने भी इस आग में खूब घी डाला है।
आज अगर मोटा मोटा आकलन करें तो भी कम से कम 10% मुसलमान इस्लामी कट्टर हो चुका है ! संख्या में ये कितने हुए ?
20 करोड़ का 50%, यानी दस करोड़ !
जबकि भारत के पास लगभग 15 लाख फौज है, मतलब पूरे भारत की फौज संख्या से पचास-साठ गुना ज्या़दा !
अब अगर पाकिस्तान इन्हें भारत में दंगे फसाद फैलाने का सिग्नल दे दे, जबकि हर मुस्लिम के घर मे हथियार भी है, तो आप कैसे संभालोगे ?
और जो बाकी के बचे मुस्लिम हैं वो आपके साथ खड़े होकर इसका विरोध करते नहीं दिखेंगे ! वे या तो मूकदर्शक बनकर हवा का रुख भांपेंगे, या शोर मचाएँगे कि मुसलमानों के साथ कितना अत्याचार हो रहा है !
इस शोर में सिक्यूलर मिडिया और हिन्दू विरोधी विचारधारा वाले नेता भी इनका साथ देंगे
अगर दो चार प्रतिशत मुसलमान सचमुच इसके विरोध में भी होंगे तो वे वैसे ही अप्रासंगिक होंगे जैसे 1947 के पहले भारत विभाजन के समय थे !
पिछले कुछ समय से भारत के अलग अलग शहरों में किसी न किसी बहाने से पचास हजा़र या एक लाख मुसलमान जुटते रहे हैं, उन्होंने हिंसक प्रदर्शन किया हैं ! कभी किसी हिन्दू त्योहार के मौके पर या कहीं पैगम्बर से गुस्ताखी के विरोध के बहाने से !
पता है यह सब क्या है?
ये विरोध प्रदर्शन नहीं है!
यह सब उसी मारक हथियार के मकैनिज्म़ को टेस्ट करने की पाकिस्तान की प्रक्रिया भर है !
उद्दहारण /सबूत
भारत में 1965 तक मुस्लिम रेजिमेंट सेना थी जिसमें मुस्लिम समुदाय के लोग थे, 1965 में पाकिस्तान युद्ध मे उन्होंने पाकिस्तान पर हमला करने से मना कर दिया था तब उस रेजिमेंट को तोड़ा गया था.
लेकिन सोचिए ज़रा इससे निपटने की हमारी तैयारी क्या है?
हमारा प्रौब्लम पता है क्या है, वो ये है कि हम समझते हैं सब सरकार करेगी
जिस दिन युद्ध होगा उस दिन सरकार उतना ही करेगी, जितना सैनिक उपलब्ध होंगे उसे बाँर्डर पर भेज देगी !
वो रेल कि पटरी उखाड़ देगे, गदर मचायेंगे, लूटपाट करेंगे,
ऐसा 1947 मे कलकत्ता में देश विभाजन के समय हुआ था जो एक कढ़वी सच्चाई है। लेकिन क्या तब आप इन दस करोड़ को रोक पायेंगे ?
युद्ध जिस स्तर पर लड़ा जाता है उसका मुका़बला भी उस ही स्तर पर किया जा सकता है!
दुश्मन सामाजिक स्तर पर लड़ाई लड़ने को अपनी तैयारी लगभग पूरी कर चुका है!
लेकिन क्या हम इस दिशा में एक भी कदम आगे बढ़े हैं ?
दो टूक जवाब कढ़वा है ... नहीं!
बस सारा दिन मोदी मोदी...
वो पंचर बना लेंगे, मुर्गा मुर्गी बेच लेंगे, हजामत बना लेंगे, नहीं तो फेरी लगा कर कबाड़ खरीदेंगे बेचेंगे!
क्योंकि उन्होंने अपना लक्ष्य तय कर रखा है, वो जो भी करेंगे अपने उस लक्ष्य की प्राप्ति के लिए ही करेंगे!
हाँ उनके कुछ लोग जो प्रशिक्षित हैं वो इन मुद्दों पर सार्वजनिक रूप से सीमित मात्रा में बोलते देखे जा सकते हैं, जो सिर्फ आपको व्यवस्था के प्रति आक्रोशित करने के लिए! ये वही हैं जो सिर्फ मुद्दे को लोगों के बीच उकसाते हैं और फिर अलग हो जाते हैं (जैसे जावेद अख़तर, अनुराग कश्यप,स्वरा भास्कर, विशाल ददलानी, रवीश,अभिसार, बरखा इत्यादी) और वहाँ मौजूद हम और आप, उस मुद्दे के पक्ष-विपक्ष में वाक्युद्ध में संलग्न होकर अपने आपसी रिश्ते बिगाड़ते हैं और वह तमाशा देखते हैं!
ये भी उनकी स्ट्रैटजी का हिस्सा ही है, जिसे हम हिन्दू भाँप नहीं पाते!
ऐसी विषम परिस्थिति में अब भी समय हैं कि हम समय रहते अपने बीच में एक षड्यंत्र द्वारा फैलाए जा रहे वैमनस्य पैदा करने वाले मुद्दों को पीछे छोड़ अपने अस्तित्व के संकट के प्रति एकजुट हों!
इससे निपटने का कोई एक्शन प्लान बनायें और उस पर अमल करें!
अन्यथा वह समय अब आ गया है कि हम विश्वगुरु के सपने देखते हुए अपना वर्तमान भी खो देंगे !
भविष्यवाणी 🙏🇮🇳👇
"भारत मे अगला युद्ध पाकिस्तान से होगा लेकिन वह युद्ध नहीं भारत के अंदर विश्व का सबसे बड़ा ग्रहयुद्ध होगा.
याद रखिए... 🙏👇
हिंदू बँटेगा तो कटेगा
वंदेमातरम्
जय श्री राम
जय भारत भूमि