जया 'किशोरी जी' के प्रवचन पर झूमे श्रद्धालु
कटिहार, जागरण प्रतिनिधि : भगत वत्सल प्रभू सारे सब काज, नानी बाईरा मायरा री ठाकुरजी न लाज .. बाल व्यास राधा स्वरुपा बालिका जया 'किशोरी जी' के प्रवचन पर श्रद्धालु लगातार झूमते रहे। प्रवचन के सार को हृदय में बसाने की चेष्ठा के बीच श्रद्धालुओं की अथाह संख्या तीन दिनों तक भक्ति में लीन रही। इसके साथ ही शहर के जेके गोला परिसर में 'नानी बाई रो मायरो' कार्यक्रम का भव्य समापन गुरुवार को किया गया।
कार्यक्रम में कथा का अमृत पान कराने के लिए बाल व्यास राधा स्वरूप जया किशोरी जी एवं उनकी मंडली इन तीन दिनों में श्रद्धालुओं के हृदय के तार को झंकृत करते रहे। इनके द्वारा प्रवचन व भव्य कार्यक्रम प्रस्तुत किये गये।
राजस्थान की लता मंगेश्कर के नाम से प्रसिद्ध जया किशोरी जी को सुनने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु पहुंचे। मारवाड़ी भाषा में आयोजित यह भव्य धार्मिक कार्यक्रम कटिहार मारवाड़ी संघ द्वारा आयोजित किया गया। कार्यक्रम स्थल पर भक्तों को बैठने के लिए भव्य पंडाल बनाये गये है।
===========================
बाल व्यास जया किशोरी ने कहा मानवता शर्मसार हुई
उदयपुर। राजधानी में हुए गैंग रेप की घटना सहित देश के विभिन्न भागों में महिलाओं पर होने वाले अत्याचारों से मानवता शर्मसार हुई है। आज बेटियां न गर्भ में सुरक्षित है और न बाहर। इन हालातों को बदलना होगा। यह बात नारायण सेवा संस्थान के तत्वावधान में कोटा में संपन्न क्रनानी बाई रो मायरोञ्ज कथा में बाल व्यास जया किशोरी ने कही। संस्थान संस्थापक कैलाश क्रमानवञ्ज ने बताया कि बाल व्यास के मुख से यह शब्द निकलते ही धर्म सभा में उपस्थित हजारों भक्त भावुक हो उठे। त्रिदिवसीय इस कथा में जया किशोरी ने नानी बाई रो मायरा कथा प्रवचन किया। विज्ञप्ति में बताया गया कि श्याम परिवार के सहयोग से आयोजित इस कथा का संस्कार चैनल से सीधा प्रसारण किया जाएगा। व्यासपीठ का स्वागत संस्थान निदेशक देवेंद्र चौबीसा व श्याम परिवार रघुनंदन अग्रवाल ने किया। संचालन कुंज बिहारी मिश्रा ने किया।
===========================
जया किशोरी जी की विडियो देखिये
मायरे के तिन दिवसीय आयोजन का समापन हुआ अभिभूत हुए श्रद्धालु
सेंधवा :� घर में कितनी भी बहुए हो कोई अपने पीहर से कितना भी लाये मगर सास और ससुराल के लोगो को कभी भी धन के लिए किसी को प्रताड़ित नहीं करना चाहए क्योकि हार किसी की आर्थिक स्थिति एक सी नहीं है और जीवन के अंत समय को इन्सान को हमेशा याद रखना चाहए क्योकि न लकड़ी के लिए नया पेड़ लगाना पड़ेगा न ही एंटी संस्कार के लिए नयी जमीं खरीदना पड़ेगी सबकुछ पहले से ही तय होता बस जिन्हें हम अपना समझते है वो हमें मौत के बाद २ घंटे भी अपने साथ नहीं रखते है और खुद ले जाकर जला देते है उक्त उदगार नगर में दिनेश गंज (दारू गोदाम) एकता संगठन और दादी परिवार के साथ संगीतमय नानी बाई के मायरे कार्यक्रम के मुख्य यजमान विष्णु प्रसाद यादव द्वारा तीन दिवसीय नानी बाई के मायरे कार्यक्रम का भव्य आयोजन के दोरान रघुवंश पब्लिक स्कूल प्रांगन में राष्ट्रिय मायरा गायिका पूज्य जया किशोरी द्वारा कही तीन दिवसीय नानी बाई के मायरे कार्यक्रम का भव्य आयोजन का आयोजन नगर में पहली बार हुआ शुक्रवार को इस तीन दिवसीय नानी बाई के मायरे आयोजन का सुन्दर समापन हुआ पहले और दुसरे दिन के अपेक्षा तीसरे और अंतिम दिन सर्वाधिक श्रद्धालुओ ने इस आयोजन का लाभ लिया एक मई से तिन मई तक हुए इस भव्य आयोजन के अंतिम दिन इस आयोजन का सबसे विशेष भाग मायरे का मंचन हुआ जिसमे श्री कृष्ण के अनन्य भक्त नरसिंह मेहता की पुत्री नानी बाई के लालची ससुराल में आयोजित कार्यक्रम में मायरा भरने स्वयं श्री हरी द्वारा उपस्थित होकर अपने भक्त की लाज रखने और करोडो रूपये के मायरे भरने की कथा का राष्ट्रिय मायरा गायिका पूज्य जया किशोरी द्वारा संगीतमय श्रवण सभी को कराया गया और बहार से आये कलाकारों द्वारा इस पुरे मायरे का सुन्दर मंचन भी किया गया मायरे की कथा के दोरान नानी बाई के द्वारा अपनी माता को याद किया गया की यदि माँ होती तो कम से कम एक चुनडी तो पिता के साथ भेजती इस पर पूज्य जया किशोरी द्वारा तू कितनी अच्छी है तू कितनी प्यारी है तू कितनी अच्छी प्यारी प्यारी है माँ ओ माँ भजन की भावपूर्ण सुन्दर प्रस्तुति दी गई जिस पर पुरे पंडाल में उपस्थित मात्र शक्तियों की आंखे भर आयी और स्वयं पूज्य जया किशोरीजी की आँखों से अश्रुधारा बह गई भजन मनिहारी का भेष बनाया श्याम चूड़ी बेचने आया पर पंडाल में मौजूद बालिकाए जमकर झूमी और सभी ने खूब आनन्द उठाया कार्यक्रम के अंत में आयोजको द्वारा बढ चड़कर नानी बाई का मायरा जया किशोरी जी को भरा किसी ने चुनरी , किसी ने चांदी और सोने के आभूषण , किसी ने बर्तन , किसी ने तोहफे तो किसी ने नगदी से मायरा भरा पूरा पंडाल मायरा भरते समय भावपूर्ण अनुभूति से अभिभूत हो गया अंत में उपस्थित सभी लोग खड़े होकर झूमने लगे और मुख्य यजमान विष्णु प्रसाद यादव द्वारा पूज्य जया किशोरी जी को सोने की माला पहनाकर मायरा भरा गया कथा पंडाल के समीप कथा में आने वालो के लिए निःशुल्क चाय शरबत ठन्डे पानि समेत कई बेहतरीन व्यवस्थाये की गयी है नगर में विभिन्न स्थानों से मायरा कथा स्थान तक पहुचने के लिए निःशुल्क वाहनों व्यवस्था की गई है कथा प्रतिदिन सुबह १० बजे से दोपहर २ बजे तक की गई शुक्रवार को तिन दिवसीय नानी बाई के मायरे कार्यक्रम के आयोजन का समापन हुआ इसी दिन नानी बाई के मायरे भरने का कलाकारों द्वारा सुन्दर मंचन भी किया गया
=============================
भक्त के विश्वास की विजय होती है : जया किशोरी
नवलगढ़ में नानी बाई का मायरा कथा में उमड़े श्रद्धालु
नवलगढ़ -!- पोदार गेट स्थित श्याम कुंज में नानी बाई रो मायरो की कथा में रविवार को कथा वाचक जया किशोरी ने भगवान के प्रति भक्त के विश्वास के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भक्त नरसी की आस्था के वशीभूत होकर भगवान को नानी बाई का मायरा भरने के लिए आना पड़ा। हमें भी नरसी की तरह ईश्वर में विश्वास करना होगा। कथा के दौरान जया किशोरी अन्य कई प्रसंगों की व्याख्या की। कथा में खासोली धाम के नवरत्नगिरी महाराज, आयोजक बनवारीलाल, राजेश कुमार कौलसिया, मंडावा पालिकाध्यक्ष स\'जन मिश्रा, अवधेश सर्राफ, नरोतम चोटिया, चंडी मुरारका, प्रमोद जीवराजका, गिरधारीलाल इंदौरिया, गुलाब सर्राफ, ललित शर्मा आदि मौजूद थे।
======================
निष्काम भक्ति सार्थक : जया किशोरी
पिलानी में नानी बाई को मायरो सुनने आए श्रद्धालु
भास्कर न्यूज. पिलानी
भगवान की निष्काम भाव से की गई भक्ति ही सार्थक होती है। इस भक्ति से वशीभूत होकर वे खुद कष्ट झेल कर भक्त की पीड़ा हर लेते है।
ये बात शनिवार को गोशाला के रजत जयंती समारोह पर गुलाबराय हलवाई स्मृति भवन परिसर में नानीबाई को मायरो सुनाते हुए जया किशोरी ने कही। उन्होंने द्वारिका में सुदामा के आगमन पर श्रीकृष्ण के खुश होने पर रूकमणि द्वारा पूछे गए सवालों वाले प्रसंग की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण के लिए सुदामा अन्य भक्तों से अलग थे। वे अन्य भक्तों की तरह श्रीकृष्ण से कुछ मांगने नहीं बल्कि चावल खिलाने आ रहे थे, इसलिए भगवान खुश थे। इससे पूर्व जया किशोरी को चुनड़ी की छाया में कथा स्थल तक लाया गया। मंच पर गोशाला अध्यक्ष वासुदेव व विमलादेवी गोयनका ने उनका स्वागत किया। संचालन शंभु सोनी ने किया। कार्यक्रम में पिलानी विधायक सुंदरलाल, रामावतार गोयनका, किशन रूंगटा, राधेश्याम जखोडिया, श्रीकांत हलवाई, मातूराम सैनी, पवन ढंड, राधेश्याम शर्मा, देवीलाल शाह, महेंद्र हलवाई, ओमप्रकाश मित्तल, कैलाश डाडा, राजेंद्र प्रसाद डाडा, महेंद्र काशीरामका, डॉ. पीएस भटनागर, विश्वनाथ भोमिया, विजय हलवाई सहित मौजूद थे।
भास्कर न्यूज. पिलानी
भगवान की निष्काम भाव से की गई भक्ति ही सार्थक होती है। इस भक्ति से वशीभूत होकर वे खुद कष्ट झेल कर भक्त की पीड़ा हर लेते है।
ये बात शनिवार को गोशाला के रजत जयंती समारोह पर गुलाबराय हलवाई स्मृति भवन परिसर में नानीबाई को मायरो सुनाते हुए जया किशोरी ने कही। उन्होंने द्वारिका में सुदामा के आगमन पर श्रीकृष्ण के खुश होने पर रूकमणि द्वारा पूछे गए सवालों वाले प्रसंग की व्याख्या की। उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण के लिए सुदामा अन्य भक्तों से अलग थे। वे अन्य भक्तों की तरह श्रीकृष्ण से कुछ मांगने नहीं बल्कि चावल खिलाने आ रहे थे, इसलिए भगवान खुश थे। इससे पूर्व जया किशोरी को चुनड़ी की छाया में कथा स्थल तक लाया गया। मंच पर गोशाला अध्यक्ष वासुदेव व विमलादेवी गोयनका ने उनका स्वागत किया। संचालन शंभु सोनी ने किया। कार्यक्रम में पिलानी विधायक सुंदरलाल, रामावतार गोयनका, किशन रूंगटा, राधेश्याम जखोडिया, श्रीकांत हलवाई, मातूराम सैनी, पवन ढंड, राधेश्याम शर्मा, देवीलाल शाह, महेंद्र हलवाई, ओमप्रकाश मित्तल, कैलाश डाडा, राजेंद्र प्रसाद डाडा, महेंद्र काशीरामका, डॉ. पीएस भटनागर, विश्वनाथ भोमिया, विजय हलवाई सहित मौजूद थे।
No comments:
Post a Comment