और गीता जी बच गयी : अब तो हिंदू इसे पढ़ेंगे ही

    
खबर :

‘गीता पर भारत के रुख की हुई पुष्टि’

गीता पूरी दुनिया के लिए, इस पर कोई बैन संभव नहीं



गीता पर प्रतिबंध की माँग खारिज

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कितनी खुशी कि बात है , कि हमारी धर्म निरपेक्ष सरकार ने भी हिंदू धर्म कि पुस्तक का सहयोग दिया . 

यह सारे देश में विजयोत्सव मानाने जैसा है . 

हमें भी  पता चला , कि हिन्दुस्तान में  गीता नाम कि holy पुस्तक है जो हिंदुओं से सम्बन्ध रखती है . 


हिंदू इसका सम्मान करता है , पूजता है , 

पर हिंदू इसे पढता नहीं है .  

बुरा नहीं मानना , शायद आपने इसे पढ़ा हो , या हमेशा पढते हों , पर अपने आस पास के हिंदुओं, अपने घर-परिवार, मित्रों , पधोसिओं , पर नजर डालें और बताएं कि कितने प्रतिशत लोगों ने इसे पढ़ा है . 

इन पंक्तियों का लेखक मैं , अशोक गुप्ता ,पैदायशी हिंदू,  एक शहर से , अच्छे घर में जन्म लेने वाला, पढ़ा-लिखा , पिछले ३२ साल से विदेशों में रह /घूम रहा , R S S का समर्पित कार्यकर्ता, छात्र नेता, दुनिया भर कि जानकारी के बारे में प्रयत्न शील , १८ साल से सत्संगों में जा रहा , उम्र ५७ साल, अभी कुछ समय से गीता जी को पढ़ना शुरू किया है .

धिक्कार है मुझ पर , और मेरे हिंदू होने पर , और मुझे पता है मेरे आस पास के हिंदुओं का , उन्होंने जीवन में कभी गीता जी उठा कर नहीं देखि.


उनके घरों में चार-पांच कारें मिल जाएँगी , पर एक गीता मांगने पर नहीं मिलेगी , पढ़ने कि तो बात ही छोडो .


यदि एक प्रतिशत हिंदू भी गीता जी का अध्यान करे तो देश का नक्शा अपने आप बदल जायेगा , ऐसा मेरा विश्वास है ,


तब लोगों को अनाचार और भ्रष्टाचार से खुद ही नफरत हो जायेगी चाहे वो I AS हो या नेता या जज . 


धर्म से दूर रहना , निरपेक्ष रहना,  ही सारे फसाद की जड़ है . 


आप क्या कहते हैं !



और अगर हिंदुओं को पसंद आ गयी तो उन्हें भ्रष्टाचार की तरफ मोडना मुश्किल हो जायेगा , वे नाम के ही नहीं असल के हिंदू बन जायेंगे .


कोई बात बुरी लगी हो तो बताईएगा जरूर ! और छमा कर दीजियेगा .

9 comments:

Shilpa Mehta : शिल्पा मेहता said...

पढ़ चुके हिन्दू गीता को !!!

हम - जो अपने आप को "modern " कहने की होड़ में यह दिखने की कोशिश करते हैं , कि
"गीता जैसी पुस्तक पढ़ कर कहीं मैं वैरागी न बन जाऊं "- हम गीता पढेंगे ??
हम अपने बच्चों को convent में पढ़ाकर उनके church में सर झुकाने को तो सही मानते हैं, किन्तु अपने हिन्दू मंदिर में कोई बच्चा / बड़ा रोज़ जाए तो उसे दकियानूसी कहते हैं - हम गीता पढेंगे ?
हम - जो कहते हैं "गीता पढने की अभी उम्र नहीं है " ..........या फिर "वैसे ही मेरा मन बड़ा निर्मोही है , थोडा अनुराग और थोडा अज्ञान ढूंढता है जिससे घर संसार में रमा रह सके", ....... "गीता पढ़ कर और परिवार न छोड़ दू !!" ,........... "गीता पढने से मेरा बच्चा सन्यासी न बन जाए" ....... etc.

हम - जो गीता / वेद आदि न पढने के हज़ार बहाने खोज लाते हैं - हम पढेंगे गीता ??

न पढने के दसियों बहाने ढूंढ लाते हैं हम - और फिर यह ढिंढोरा भी पीटते हैं कि हम महान हिन्दू हैं, हमसे बढ़ कर हिन्दू धर्म का कोई रक्षक ही नहीं है आज - russia में ban की बात पर विरोध जताते हम - टीवी पर serials से फुर्सत निकालेंगे क्या कि गीता पढ़ सकें ?

https://worldisahome.blogspot.com said...

प्रिय मेहता जी,
क्या खूब लिखा है , और इसीसे में आपके ब्लॉग पर चाला गया.
सुन्दर अभिवयक्ति अवं गहन विवेचन है
साधुवाद अवं धन्यवाद
अशोक गुप्ता

Shilpa Mehta : शिल्पा मेहता said...

अशोक गुप्ता जी - आप मेरे ब्लॉग पर आये - आपका धन्यवाद | आपका वहां स्वागत है | कृपया वहां गीता के साथ रामायण tab भी क्लिक कर के पढ़ें | शायद आपको वह रामायण गीत पसंद आए |

https://worldisahome.blogspot.com said...

प्रिय सुश्री शिल्पा जी

आपकी टिप्पणी का धन्यवाद ,

मैंने आपकी रामायण पर कविता भी तभी पढ़ ली थीं. और उसी से प्रभावित होकर आपको लिखा था.

इस छोटी उम्र में ही इतनी परिपक्वता पूर्ण अभिव्यक्ति से आश्चर्य होता है कि में ५७ वर्ष में पहुँचने पर भी अभी कुछ समय पहले ही गीता रामायण अध्यन शुरू किया है .

क्या कहीं आपने अपने धर्म सम्भंदित विचार भी कलम बद्ध किये हैं तो कृपया लिंक भेजियेगा .

क्या आपका कोई अलग से ईमेल भी हो तो मुझे बताएं .

भवदीय
अशोक गुप्ता , दिल्ली ,
ashok.gupta4@gmail.com

Shilpa Mehta : शिल्पा मेहता said...

आदरणीय अशोक गुप्ता जी,
मैं भी कोई young नहीं हूँ :) | एक बेटा है जो नवी कक्षा में पढ़ रहा है |

यदि आप specifically मेरी धर्म सम्बंधित पोस्ट्स पढना चाहें, तो मैंने अलग से एक ब्लॉग बनाया है - आराधना |
-- यहाँ http://shilpamehta3.wordpress.com/
उस पर गीता जी, रामायण जी, महाभारत कथा, पुराणों की कथाएँ आदि हैं | आप चाहें तो वहां देखें | अब सोच रही थी कि श्री भागवतम के सुख सागर को, जो इश्वर के कृपा से मुझे मिला, उसे भी ब्लॉग पर शेयर करूँ | शृंखला शुरू करने ही वाली हूँ - फिर यह भी सोचती हूँ कि मैं एक साधारण घरेलु स्त्री हूँ - क्या मैं इसे कहने योग्य भी हूँ ?

बस - इसी doubt के चलते अब तक कथा आरम्भ नहीं की है |

:)
आशीर्वाद बनाये रखियेगा |

https://worldisahome.blogspot.com said...

प्रिय श्रीमती शिल्पा जी ,

आपके इस लिंक से और भी लाभ ले पाया.

में बहुत लिखना चाहता हूँ पर टाइपिंग बहुत स्लो है .

बस इसीलिए मन में ही रखना पड़ेगा .

आपका बहुत अच्छा प्रयास है ,

दासानुदास

अशोक गुप्ता

Shilpa Mehta : शिल्पा मेहता said...

सादर चरणस्पर्श | आशीर्वाद बनाये रखियेगा :)

https://worldisahome.blogspot.com said...

er. shilpa mehata jii

अब इतना बड़ा भी नहीं हूँ. और आप धर्म के पुनर्स्थापन के लिए जो कर रहीं हैं , मुझे ही आपके चरण स्पर्श करने चाहिए.

आपके श्री भागवतम पर लेखो का इंतज़ार रहेगा, पर मेरी सलाह है सुख सागर के साथ , गीता प्रेस कि मूल प्रति भी साथ रखें,

दासानुदास
अशोक गुप्ता

Anonymous said...

Thanks for sharing this with us. i found it informative and interesting. Looking forward for more updates..