रूस में गीता पर प्रतिबंध के मुद्दे पर लोकसभा में भारी आक्रोश: धर्म निरपेक्ष इंडिया कि लोकसभा आश्चर्य

  

मेरे विचार से तो गीता हिंदुओं कि धार्मिक पुस्तक अबश्य है पर १% हिंदुओं ने भी इसे नहीं पढ़ा है . 


फिर भी विदेश में यदि इसका अपमान हो तो हमें यथा शक्ति इसका विरोध तो करना ही चाहिए. 


हाँ  हिन्दुस्तान में गौ वध चलता रहे , . संतों का अपमान होता रहे , वो बाद में देखा जायेगा , वो तो हमारे घर की बात है . 
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में लालू का बहुत विरोधी हूँ , पर क्या करू , उनके गीता के जयघोष से मुझे उनका विरूद्ध छोडना पडेगा. 

बीजद के भृतुहरि महताब द्वारा शून्य काल में यह मुद्दा उठाए जाने पर भाजपा के मुरली मनोहर जोशी, राजद के लालू प्रसाद यादव, सपा के मुलायम सिंह यादव, कांग्रेस के इजया राज सिंह और शिवसेना के चंद्रकांत खैरे सहित लगभग सभी दलों के सदस्यों ने रूस में चलाई जा रही इस मुहिम पर सख्त आपत्ति जताई।
सदस्यों द्वारा रोष प्रकट किए जाने के दौरान लालू प्रसाद बीच-बीच में बोलो कृष्ण भगवान की जय का उद्घोष करते रहे और सदस्यों ने भी इस उद्घोष में एक स्वर से उनका साथ दिया।
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धर्म निरपेक्ष इंडिया कि लोकसभा में ऐसा होना आश्चर्य है 
    

2 comments:

आशुतोष की कलम said...

जय श्री कृष्ण जय श्री राधे..
मगर मैं समझता हूँ की हम अपनी आध्यात्मिक विरासत को पहले खुद समझे और शसक्त बनाये तो बाकी के देश अपने आप सम्मान करेंगे..हिन्दू नपुंसकता नहीं छोड़ता तो कभी गीता आतंकवाद फैलाएगी और दुर्गा माँ बिदेशी माडल की पैंटी पर नजर आएँगी..

तेजवानी गिरधर said...

i agree with aashutosh ji