गुवाहाटी, असम की राजधानी गुवाहाटी में एक शर्मनाक करतूत ने गुरुवार को पूरे सूबे और इंसानियत को शर्मशार कर दिया है। एक लड़की के साथ शहर के व्यस्ततम इलाके में लोगों के एक समूह ने सरेआम छेड़खानी और मारपीट की। इस घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया। दस जुलाई को हुई इस घटना के इंटरनेट पर वीडियो सामने आने के बाद मामला पूरी तरह प्रकाश में आया।
इस दौरान अपने दोस्तों से उसका किसी बात पर मनमुटाव हो गया। जिसके बाद लोगों के एक समूह ने इस वाकये का फायदा उठाकर बार के बाहर उस लड़की के साथ सरेआम छेड़खानी और मारपीट की। इस वारदात को 20 से ज्यादा लोगों ने अंजाम दिया। इस दौरान पीडि़त लड़की चीखती और चिल्लाती रही लेकिन कोई मदद को सामने नहीं आया। भीड़ तमाशबीन बनी रही। गुंडे सरीखे 20 लोगों ने न सिर्फ छेड़खानी की बल्कि उसके कपड़े भी फाड़ दिए और दरिंदों की तरह उसे नोंचा। बताया जा रहा है कि पीडि़त लड़की 11वीं कक्षा की छात्रा थी
Sukhada Tatke, TNN Jul 15, 2012, 04.47AM IST
* Earlier this week, a 20-year-old girl's molestation outside a bar in Guwahati for a half an hour in full public view shook the country.
* In 2008, two NRI women were molested by a mob when they came out of J W Marriott in Juhu on New Year's Eve.
* In 2002, a drunk man raped a mentally challenged girl in the second class compartment of a local train in the presence of five other commuters.
These are not the only cases where bystanders have done little to raise an alarm or intervened in any way. Whether it is sheer apathy that leads to inaction or fear of getting entangled in long-drawn police and court battles or even fear for one's own life, the result remains that harassment of victims continues in full public view.
Psychiatrist Dr Harish Shetty calls it a complete collapse of the community consciousness. The "bystander effect" that paralyzes onlookers from taking action, he says, typifies the Indian psyche. "We are taught from a very young age not to meddle in others' affairs. It's easy to sit in your drawing room and have conversations on standing up for what is right. But when it comes to helping someone who is not a part of your family or friends' circle, people tend not to intervene. Taking a stand and rocking the boat is not part of our psyche," he said.
He likens the "chronic disaster syndrome" that India is going through to psychopathic liberation where people wreak havoc in a place stricken by disaster. "Just as thefts are seen in places ravaged by earthquakes or wars, there is a collapse of the cultural superego, which is otherwise an inhibitor in these situations. The entire discourse of 'sanskriti' is largely ritualistic. In a globalised world, the child and the woman become the target to vent frustration," he added.
However, instances like the deaths of Keenan Santos (24) and Reuben Fernandez (29), who were stabbed on October 20 as they tried to protect their friends from an eve-teaser in Amboli, turned into a rallying point against sexual harassment. They intervened, but were killed. So what does one do in situations like this?
"There are different levels of intervention. People need to speak up," said Reuben's brother Benjamin, who is now working on a campaign to address the escalating number of sexual harassment cases, inaction on the part of bystanders and the prevalence and influence of a patriarchal society. He, along with playwright Alyque Padamsee, through the NGO 'Izzat ki Fauj' will aim to sensitize an "apathetic" society. The campaign, which is still to be rolled out, will be taken to schools and colleges.
Padamsee said the best way is to use wits rather than guts. "Onlookers can start screaming in unison very loudly. That can scare the perpetrators of crime. They should immediately call the police instead of taking the law into their own hands," he added.
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चीखती रही नाबालिग,तमाशबीन बनी रही भीड़
Sonika Srivastava | Friday, Jul 13 2012 11:21AM IST
गुवाहाटी। लड़कियों से छेड़छाड़ लगातार जारी है। ऐसा ही एक हतप्रभ करने वाला वीडियो इंटरनेट पर जारी हुआ। जिसमें एक नाबालिग छात्रा के साथ 20 लोगों ने बदसलूकी की। यही नहीं बदतमीज़ी की हद तब खत्म हो गयी जब उस मासूम को नोंच-नोंच कर उसके कपड़े तक फाड़ दिये गये।
यह घटना गुवाहाटी शहर के व्यस्ततम इलाके की है। इंटरनेट पर जारी इस वीडियों में दिखाया गया कि एक लड़की के साथ सरेआम
लोगों के एक समूह ने छेड़खानी और मारपीट की। लड़की चीखती-चिल्लाती रही और भीड़ तमाशबीन बनी इन नज़ारों का लुत्फ उठाती रही।
इस घटना से पूरे देश में आक्रोश फैल गया। दस जुलाई को हुई इस घटना के इंटरनेट पर वीडियो सामने आने के बाद मामला पूरी तरह प्रकाश में आया।
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तड़पती रही जिंदगी, तमाशबीन बने हाकिम
Updated on: Thu, 21 Jun 2012 11:50 PM (IST)
तड़पती रही जिंदगी, तमाशबीन बने हाकिम
बड़ौत (बागपत)। गुरुवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में मानवता का निर्मम 'कत्ल' और गैर जिम्मेदारी का नंगा नाच एक साथ हुआ। इसे अंजाम दिया उन डाक्टरों ने, जिन्हें 'भगवान' का दर्जा हासिल है। बुरी तरह घायल एक मरीज घंटों स्लैब पर पड़ा तड़पता रहा लेकिन किसी ने उसे भर्ती करने की जहमत नहीं उठाई। इस नजारे का लुत्फ उठाने वाली तमाशबीनों की लंबी भीड़ थी, लेकिन लगता है ये बे-गैरत लोग अमानवीयता के बाजार में इंसानियत का सौदा कर आये थे।
मानवीय संवेदनाओं को झकझोर देने वाला यह वाकया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र बड़ौत परिसर का है। तपती दोपहरी में एक रिक्शा चालक घायल युवक को अस्पताल में छोड़कर चला गया। शरीर के सभी हिस्सों पर चोट से युवक बुरी तरह तड़प रहा था। यह देखकर भीड़ लग गई। दूसरे मरीजों के तीमारदारों ने इसकी सूचना अस्पताल कर्मियों को दी।
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घायल के ऊपर से गुजर गई ट्रेन, लोग तमाशबीन बने रहे
Posted on Feb 09, 2012 at 12:08pm IST | Updated Feb 09, 2012 at 01:59pm IST
आगरा। उत्तर प्रदेश में आगरा के शाहगंज क्षेत्र में दिल्ली आगरा रेलवे ट्रैक पर आज एक आदमी गिर पडा और उसके ऊपर से ट्रेन गुजर गई लेकिन तमाशबीन लोगों ने उसे पटरी से नहीं हटाया।
पुलिस ने बताया कि ग्यासपुरा निवासी जयप्रकाश रेलवे ट्रैक पार कर रहा था और इसी बीच ट्रेन आ गई। ट्रेन को देख जयप्रकाश गश खाकर पटरी के बीच गिर पड़ा और ट्रेन उसके ऊपर से निकल गई जिससे उसके दोनों पैर कट गये वह मदद के लिए चिल्लाता रहा लेकिन लोग तमाशा देखते रहे।
इसी बीच दिल्ली से आ रही उत्कल एक्सप्रेस फिर उसके ऊपर से गुजर गई लेकिन वह जिंदा पटरी पर कराहता रहा। काफी देर बाद लोगों ने उसे गंभीर हालत में पटरी से बाहर निकाला और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया।
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स्टूडेंट से छेड़छाड़ और लोग बने तमाशबीन
नवभारत टाइम्स | Mar 20, 2012, 05.00AM IST========================
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अंधा बांटे रेवरी, फिर फिर अपनों को दे .
भारतीय सरकार , भारत रत्न को रेवारी की तरह बाँट रही है
ashok.gupta4@gmail.com
ashok gupta
delhi, india