में हरविंदर सिंह की इस कोशिश का भरपूर समर्थन करता हूँ.
मैंने युवा लोगों से इस विषय में विचार लिए . वो भी बहुत खुश थे .
यदि सरकार रामलीला मैदान में सोते लोगों पर लाठी प्रहार से जनता को मार सकती है तो क्या एक जनता का आदमी सरकारी आदमी को थप्पड़ भी नहीं मार सकता
अन्ना जैसे आदमी को बिना बात कैद कर सकते हैं..
शुरुआत सरकार ने की है .
अफ़सोस की विपक्षी दल भी विरोध कर रहे हैं , क्योंकि वे भी इसी भ्रष्टाचारी व्यवस्था का हिस्सा हैं.
मेरे विचार से इन नेताओं को जिन्होंने जनता को लाठी से , व भूख से , प्यास से मारा हुआ है, उनको लाइन से खरा करके मीडिया के सामने जुटे लगाने चाहिए .
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