Pandit Nehru was the first person to sign the Indian Constitution; he was so excited that he did so without leaving any space for the President, Dr Rajendra Prasad, who had to squeeze his signature above Nehrus.
इंडिया और पकिस्तान कैसे एक कागज से बन गए इसे इस लिंक पर जा कर देखें :
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From: Manzoor Khan Pathan <manzoor.khan.786@gmail.com>
Date: 2011/11/15
Subject: ब्रिटेन की संसद द्वारा पास किये गए "भारत की आज़ादी का कानून-१९४७" की छायाप्रति सलग्न है- pdf Copy of "Indian Independance Act-1947" which cause partition of Bharat...
To: bharatswabhimantrust@
ॐ,
ब्रिटेन की संसद द्वारा पास किये गए "भारत की आज़ादी का कानून-1947" की छायाप्रति संलग्न है- pdf Copy of "Indian Independance Act-1947"
यह वही कानून जिसकी वजह से भारत का बटवारा हुआ और इसके बारे में हमें कभी भी नहीं बताया गया| इसमे साफ-साफ़ लिखा है कि इंडिया और पाकिस्तान ब्रिटेन की सत्ता के अधीन होंगे और इसी में लिखा है कि इन अधीन राज्यों का गठन 15 अगस्त-1947 को किया जायेगा| इसी के आधार पर "ट्रांसफर ऑफ़ पॉवर अग्रीमेंट" हुआ था जिस पर नेहरू और बेटन ने 14 अगस्त 1947 की रात को हस्ताक्षर किया था |
इस पीडीऍफ़ कापी को कम से कम 100 भारतीयों को जरुर भेजे जिससे वे जान सके कि भारत के साथ कैसे धोखा किया गया है |
जय भारत
संजय कुमार मौर्य
अयोध्या -फैजाबाद
अच्छा लगा हो तो आगे फॉरवर्ड कीजिये, और भारतीय भाषाओं में अनुवादित कीजिये, अपने ब्लॉग पर डालिए, मेरा नाम हटाइए, अपना नाम /मोबाईल नंबर डालिए| मुझे कोई आपत्ति नहीं है| मतलब बस इतना है कि ज्ञान का प्रवाह होते रहने दीजिये|
(स्व. राजीव दिक्षित)
व्यवस्था परिवर्तन
पिछले 64 सालों से हम सरकारे बदल-बदल कर देख चुके है..................... हर समस्या के मूल में मौजूदा त्रुटिपूर्ण संविधान है, जिसके सारे के सारे कानून / धाराएँ अंग्रेजो ने बनाये थे भारत की गुलामी को स्थाई बनाने के लिए ...........इसी त्रुटिपूर्ण संविधान के लचीले कानूनों की आड़ में पिछले 64 सालों से भारत लुट रहा है ............... इस बार सरकार नहीं बदलेगी ...................... अबकी बार व्यवस्था परिवर्तन होगा...................
अधिक जानकारी के लिए रोजाना रात 8 .00 बजे से 9 .00 बजे तक आस्था चेंनल और रात 9 .00 बजे से 10 .00 बजे तक संस्कार चेनल देखिये
Manzoor Khan Pathan
Contact Numbers : 92528-84207
भारत स्वाभिमान से जुड़ने के लिए : http://groups.google.com/ group/bharatswabhimantrust/ subscribe
swabhimandesh.blogspot.com/
(स्व. राजीव दिक्षित)
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पिछले 64 सालों से हम सरकारे बदल-बदल कर देख चुके है..................... हर समस्या के मूल में मौजूदा त्रुटिपूर्ण संविधान है, जिसके सारे के सारे कानून / धाराएँ अंग्रेजो ने बनाये थे भारत की गुलामी को स्थाई बनाने के लिए ...........इसी त्रुटिपूर्ण संविधान के लचीले कानूनों की आड़ में पिछले 64 सालों से भारत लुट रहा है ............... इस बार सरकार नहीं बदलेगी ...................... अबकी बार व्यवस्था परिवर्तन होगा...................
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Nehru was war Monger!, 1962 Indo-China war, a Huge Price paid by Indians because of a Warmonger Nehru?.
Nehru was a Warmonger, this Book says so!.
From TOI:
And this — Nehru's refusal to negotiate, and the 1960 rebuff to Chou En-lai when he was visiting and appeared ready to settle the issue — may well have sowed the seeds of the 1962 India-China war.
The Rediff Special/ Neville Maxwell
In the article that follows, Indians will be shocked to discover that, when China crushed India in 1962, the fault lay at India, or more specifically, at Jawaharlal Nehru and his clique's doorsteps. It was a hopelessly ill-prepared Indian Army that provoked China on orders emanating from Delhi, and paid the price for its misadventure in men, money and national humiliation.
From TOI:
a "divided Cabinet, an irresponsible opposition, an uninformed press and a restive Parliament, all fed on bad history held Nehru hostage."Prime Minister Jawaharlal Nehru "shut the door to negotiations on the (India-China) boundary on July 1, 1954", according to a just-released book by A G Noorani based on archival research and hitherto unpublished material.
And this — Nehru's refusal to negotiate, and the 1960 rebuff to Chou En-lai when he was visiting and appeared ready to settle the issue — may well have sowed the seeds of the 1962 India-China war.
The Rediff Special/ Neville Maxwell
In the article that follows, Indians will be shocked to discover that, when China crushed India in 1962, the fault lay at India, or more specifically, at Jawaharlal Nehru and his clique's doorsteps. It was a hopelessly ill-prepared Indian Army that provoked China on orders emanating from Delhi, and paid the price for its misadventure in men, money and national humiliation.
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