the second war for independece : आजादी कि दूसरी लड़ाई, घर में , गद्दारों से , अपने से

           

आजादी की दूसरी लड़ाई के लिए तैयार हो !
या 
ये काम अन्ना जैसों को सौप दिया है !

 

happy re-public day will be 
celebrated, when india will 
be   free   from   corruption.

पर हम क्या कर सकते हैं ? 
बच्चे पालें या सारकार का विरोध करके ,  
सलाखों के पीछे चले जाएँ !

नहीं ! 

ब्लॉग लिखने के साथ साथ , 
अपनी कालोनी , दफ्तर में अपनी जैसी सोच के लोगों के ग्रुप बनायें , और उन ग्रुप के लोगों को और ग्रुप बनाने चाहिए, 
बस यही काम करे 

कुछ नहीं हो पाया तो भी भगवान को तो कह सकेंगे  , कि हमने प्रयास किया , अब तुम आओ , और देश को बचाओ, जैसा कि तुमने गीता में वचन दिया है : अध्याय ४ श्लोक ७,८ . 

पर आप कहेंगे में कोई नेता तो नहीं हूँ , पर यदि थोडा सा पहल करने से समाज का बड़ा  भला हो तो , इश्वर को मानने वाले के लिए , ये सबसे बड़ी पूजा / देश सेवा  है . 
18th century German Philosopher Arthur Schopenhauer once said:                                              “All truth passes through three stages.   First, it is ridiculed.  Second, it is violently opposed.   Third, it is accepted as being self-evident”.

  

मेरा भारत महान 

No comments: