उम्र के इस पड़ाव पर अब सपने देखने की आवश्यकता नहीं है और रामचरितमानस मेरे सामने हैं कोई मनोरथ करने का कोई मतलब नहीं है क्योंकि भगवान की इच्छा ही सर्वोपरि है
फिर भी जो मैं यहां लिख रहा हूं वह भी भगवान की इच्छा से ही लिख रहा हूं
पहली बात तो हर स्कूल में रामचरितमानस का सब्जेक्ट होना चाहिए
दूसरी बात जेलों में भारतीय ग्रंथों का पाठ कराना चाहिए इतने मात्र से देश खुशहाल हो जाएगा
और सारे भारत में जिला स्तर पर बड़ी-बड़ी गौशालाओं का निर्माण होना चाहिए और हर घर में गौशाला होनी आवश्यक होनी चाहिए तो यह देश भूख प्यास से मुक्त हो जाएगा
फिर भी जो मैं यहां लिख रहा हूं वह भी भगवान की इच्छा से ही लिख रहा हूं
पहली बात तो हर स्कूल में रामचरितमानस का सब्जेक्ट होना चाहिए
दूसरी बात जेलों में भारतीय ग्रंथों का पाठ कराना चाहिए इतने मात्र से देश खुशहाल हो जाएगा
और सारे भारत में जिला स्तर पर बड़ी-बड़ी गौशालाओं का निर्माण होना चाहिए और हर घर में गौशाला होनी आवश्यक होनी चाहिए तो यह देश भूख प्यास से मुक्त हो जाएगा
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