सीधी सी बात है जब भारत का विभाजन हुआ तो मुस्लिम नेताओं ने अपने लिए अलग राज्य की मांग की और विभाजन हुआ
तो इसका सीधा सा अर्थ है कि बाकी का हिंदुस्तान बाकी की जनता के लिए और सबके लिए ही है तो इसका नाम हिंदुस्तान या इस को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का कोई विरोध नहीं होना चाहिए
मगर हिंदुस्तान और हिंदू की परिभाषा में समस्त विश्व आ जाता है इसी बात को लक्षित करने के लिए क्यों ना इसका नाम भारत तो है ही पर घोषित कर दिया जाए कि यह एक हिंदू राष्ट्र है जिसमें सबको स्वतंत्रता है और एक ही कानून सबके लिए रहेगा ना की विशेषाधिकार
देखा जाए तो इसकी आवश्यकता नहीं थी मगर कांग्रेसी सरकारों ने जिस तरह से Discrimination की है यह सब करेक्टिव मेजर Corrective major करने की जरूरत पड़ रही है
इतनी बड़ी जनसंख्या को हिंदुस्तान से बाहर भेजना या दूसरे दर्जे का नागरिक बनाना तो प्रैक्टिकल नहीं है इसलिए मगर उनको विशेषाधिकार देना भी बाकी की जनता के साथ अन्याय है
तो इसका सीधा सा अर्थ है कि बाकी का हिंदुस्तान बाकी की जनता के लिए और सबके लिए ही है तो इसका नाम हिंदुस्तान या इस को हिंदू राष्ट्र घोषित करने का कोई विरोध नहीं होना चाहिए
मगर हिंदुस्तान और हिंदू की परिभाषा में समस्त विश्व आ जाता है इसी बात को लक्षित करने के लिए क्यों ना इसका नाम भारत तो है ही पर घोषित कर दिया जाए कि यह एक हिंदू राष्ट्र है जिसमें सबको स्वतंत्रता है और एक ही कानून सबके लिए रहेगा ना की विशेषाधिकार
देखा जाए तो इसकी आवश्यकता नहीं थी मगर कांग्रेसी सरकारों ने जिस तरह से Discrimination की है यह सब करेक्टिव मेजर Corrective major करने की जरूरत पड़ रही है
इतनी बड़ी जनसंख्या को हिंदुस्तान से बाहर भेजना या दूसरे दर्जे का नागरिक बनाना तो प्रैक्टिकल नहीं है इसलिए मगर उनको विशेषाधिकार देना भी बाकी की जनता के साथ अन्याय है
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