एक आदमी ने घनघोर तपस्या की और शिवजी को प्रसन्न कर लिया। शिवजी बोले - बेटा, मैं तुझसे बहुत खुश हूं। कोई वरदान मांग ।
भक्त बोला - प्रभु, मुझे एक गिटार दे दो।
गिटार ! कैसा गधा है। शिवजी ने सोचा । कोई गिटार के लिए भी तपस्या करता है।
बोले - बेटा, तूने बड़ी तपस्या की है। कुछ बड़ा मांग। चिन्ता मत कर, सब कुछ मिलेगा।
भक्त बोला - नहीं प्रभु, मुझे तो सिर्फ एक गिटार चाहिए बस !
शिवजी समझाने लगे - बेटा, कुछ ढंग का मांग। मेरी रेपुटेशन का तो खयाल कर। गिटार भी कोई मांगने की चीज है भला।
परंतु भक्त भी जिद पर अड़ा हुआ था, बोला - नहीं प्रभु, अगर देना है तो बस गिटार ही दो !
अब शिवजी को गुस्सा आ गया, बोले - गिटार ! गिटार ! गिटार ! अबे अगर गिटार मेरे पास होता तो मैं ये डमरू क्यों बजाता फिरता .............. !
the meaning of this sanskrit phrase is : For the men of great character, the whole world is their family! उदार हृदय वाले लोगों का तो पृथ्वी ही परिवार है। if you like to comment/give suggestion on any part of the blog you are welcome at ashok.gupta4@gmail.com
blessings from lord shiva शिवजी को प्रसन्न कर लिया।
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