why not finish the traitor of bharat mata, what you are waiting for.....

***काहे फांसी नही देत हैं***



कसाब का हिसाब बड़ा लम्बा चला है,
दुर्दांत हत्यारे को काहे फांसी नही देत हैं........

अंधाधुंध इसकी फायरिंग के चलते,
हेमंत करकरे से वीर हो गये खेत हैं ..............

अहिंसा की उनसे काहे बात करत हैं,
निर्दोष भारतियों की जान जो लेत हैं ..........

अजमल-ओ-अफजल नासूर वतन के,
इनको काटने में ही वतन का हेत है............

अपने हत्यारों को देख काहे खून नही खोलता,
"दीवाना" खून अपना क्या हो गया सफेत है...........

No comments: