नेता जी का फलसफा


नेता जी का फलसफा


मेरी इस सरकार में सबको है यह छूट ;
जनता है भोली बड़ी ,लूट सके तो लूट ,
सच्चाई को छोड़कर बोलो मिलकर झूठ;
गठबंधन पक्का रहे ,देखो जाये न टूट .
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राजनीति की प्यास


पी.एम्. बनने की मुझे रहती थी बड़ी आस ,
पर जनता ने कर दिया सारा सत्यानाश ,
साथी सब ये कह रहे 'ले लो अब सन्यास '
पर मेरी बुझती नहीं राजनीति की प्यास .
शिखा कौशिक http://netajikyakahtehain.blogspot.com/
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नेता जी का दुःख

अब मेरी मजबूरी पर आंसू तो बहाओ ,
बड़ा मासूम हूँ इतना तो मान जाओ,
घोटाला क्यूँ हुआ? कैसे हुआ ?
पता नहीं चलता ;
मैं ऐसा बादशाह हूँ !
जिसका कहीं सिक्का नहीं चलता .
शिखा कौशिक

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