वहां रहेते रहते पता चला कि दुनिया का कोई रोग ऐसा नहीं है , जो उस चिकित्सा से ठीक न हो जाता हो, वह भी अधिक महंगा नहीं ,
बाइपास के रोगी तो बीस दिन में ठीक होकर दोर्हते हुए घर जाते हैं.
यदि चमत्कार को नमस्कार है तो वहां है.
कोई भी अधिक जानकारी देकर मुझे खुशी होगी.
अशोक गुप्ता दिल्ली
6 comments:
bahut jankari bhari post .
प्रिय शिखा जी,
धन्यवाद , पर आपने गीता को कविता रूप में लिखने वाली बात पर कुछ नहीं कहा . क्योंकि आप में प्रतिभा है , और उसका उपयोग एक शाश्वत रूप में होता तो जनता का बहुत भला होता जैसे तुलसीदासजी ने किया.
बहुत अच्छी जानकारी दी है, आपने, बहुत बहुत साधुवाद
बहुत अच्छी जानकारी दी है, आपने, बहुत बहुत साधुवाद
बहुत अच्छी जानकारी दी है, आपने, बहुत बहुत साधुवाद
बहुत अच्छी जानकारी दी है, आपने, बहुत बहुत साधुवाद
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