बाबा जी,
किसके लिए अनशन कर रहे हो ,
आप कहीं यह तो नहीं सोच रहे कि यह देश महात्मा गाँधी के अनशनों से आज़ाद हुआ था.
यह तो भगत सिंग, राजगुरु, मदन लाल , सुभाष से आजाद हुआ था .
अंग्रेजों ने कोई पाप नहीं किया.
हिंदुस्तान पर राज करके , वो अपने देश की सेवा कर रहे थे. वे सच्चे थे , उनके दिल में मानवता थी .
ये सरकार और नेता , तो अपने उसी देश के नमक हराम हैं , उस माँ की विष्ठा हैं , जिसका दूध पिया उसी के साथ बलात्कार कर रहे हैं.
इनकी बाला से आप या पूरा देश मर जाये तो भी इन पर असर नहीं होगा.
शेष जैसा इस्वर चाहें.
जिस देश में भगवे वस्त्र का अपमान हो वह देश रहने लायक नहीं है. ऐसा शाश्त्रों का कहना है.
१ जैसे शीतला माता द्वारा ली हुई आँख वापिस नहीं आती , सांप के मुख मेंऔर नेताओं के मुख में गया पैसा वापिस आना असंभव है.
२ आकाश के तारे गिने जा सकते हैं. पर नेताओं के घोटाले नहीं गिने जा सकते .
अफ़सोस कि बात है , कि हमारे देश में ऐसे भी लोग बुधिजिविओं में हैं , जो बाबा के पावों कि धूल के बराबर भी न होते हुए भी , उनसे इर्ष्या रखते हैं.
वे लोग सोचते हैं कि बाबा को गालियाँ देने से, हम सुर्ख़ियों में आ जाएँगे .
अफ़सोस है कि हमारा भरास परिवार भी ऐसे मानसिक रोगिओं से अछूता नहीं है.
जरा बताएं, कि बाबा सिर्फ एक बात कहा रहा है कि भ्रस्ताचार पर रोक लगाओ, इसमें गलत क्या है. यदि वह खुद भ्रष्टाचारी है तो , यह क़ानून तो उस पर भी लागू होगा.
तुलसी पीठाधीश्वर महामंडलेश्वर जगद्गुरु रामभद्राचार्य जी महाराज जी ने ऐसे लोगों के लिए बरी अच्छी उपाधि दी है :
मूर्खाधिराज चक्रचू
ड़ा
मणि और दूसरी उपाधि है धूमकेतु .
खुशी की बात है ऐसे धूमकेतु अपने भड़ास परिवार में भी हैं.
4 comments:
बाबा जी मान जाओ, दुश्मन तो यही चाहता है कि आपका पता साफ़ हो जाये?
baba man gaye par sagharsh abhi baaki hai
5 JUNE रामलीला मैदान :एक छिपा हुआ सत्य एक प्रत्यक्षदर्शी के शब्दों में
Agree!
संदीप / अंकित / सुलभ को हार्दिक धन्यवाद
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