क्या भगवान परफेक्ट हैं .....! is god perfect .......!


प्रिय अन्वेषी भाइयो,

एक गोष्ठी में बरी विलक्षण बात सुनी.

भगवान, गोड , अल्लाह , जो भी नाम है, उसकी ये दुनिया बरी परफेक्ट है,

एक तितली , एक फूल, इंसान, तारे, सब बरे परफेक्ट सिस्टम में चल रहे हैं.

इतनी प्रतिकूलताओं के बाद भी सब बरे सिस्टम से चल रहा है.

बच्चे के पैदा होने से पहले माँ के स्तनों में दूध आ जाता है. जो बेवकूफ कुछ नहीं जानता, वो भी दूध पीना जानता है.

आँखों के बालों को पता है कितना बरा होना है, और दाढ़ई के बालों को पता है कितना बरा होना है.

इत्यादि इत्यादि .

सारा विश्व एक संतुलित परफेक्ट सिस्ट
भगवान को सबकी पल पल की खबर है, एक चींटी की भी, सिवा मेरे........

इतनी पूजा पाठ, नाम , कीर्तन , करता हूं, और बदले में अभाव ही अभाव.......

क्या उसे पता नहीं है , मेरी हैसियत व जरूरत का.........

सबके बारे में बहुत अक्ल है , मेरी बारी में , वो अक्ल कहाँ चली जाती है........

कभी सामने पर गया तो , हिसाब पूछूँगा ........

बेवकूफ धन्ना जाट पर कृपा, कामी हाथी पर कृपा, मांसाहारी गीध पर कृपा, और मेरी बारी........

लगता है ऊपर भी भ्रष्टाचार की हवा पहुँच चुकी है , बिना जान पहचान, रिश्वत के फाईल उनकी मेज पर ही नहीं आती होगी.......

और वो मनमोहन का नाम सार्थक करते हुए, मुझे तो पता ही नहीं चला , ऐसा भी है........

बस अभी एक व्यक्ति देखा जिसकी एक टांग नहीं थी

डर के मारे घिग्ही बंध गई .

कोई बात नहीं भगवन , थोड़े बहुत पैसे कम ज्यादा से कोई फर्क नहीं परता, मर्सर्दीस न होकर मारुती तो है, ५०० गज का घर न सही, १०० गज का तो है, पर भगवन दोनों पैर दे रखे हैं , साँस भी ठीक आती है, भूख भी ठीक लगती है , बच्चों की पढ़आई ठीक चल रही है , भगवन इतना ही काफी है , बाकी आराम से देख लेना , कोई जल्दी नहीं है.

लक्ष्मी माता , जरा प्रभु के चरण ठीक से दाबो , कहीं उनकी नींद में विघ्न न पर जाये.

हमारा क्या है , जैसे तैसे काम चला लेंगे, सब तो कलमाड़ी बनने से रहे, राजा भी नहीं, हम तो मनमोहन ही अच्छे हैं.

ऐसे हमारा आन्दोलन खत्म हुआ.


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