ओम श्री गणेशाय नमः
१ सितम्बर
१ सितम्बर
वक्रतुंड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरू में देव सर्व कार्येषु सर्वदा ।।
विध्नहर्ता, मंगलकर्ता भगवान गणेश आप सभी के साथ हमारे घर भी विराज चुके हैं, जब गणपति जी घर आयें हैं तो आइये जानते हैं इनके बारें में यूं तो इनके अनेक नाम हैं, परन्तु यह 12 नाम जो कि प्रमुख हैं –
!! एकदन्त !! !! सुमुख !! !! कपिल !! !! गजकर्णक !! !! लम्बोदर !!!! विकट !!
!! विनायक !! !! धूम्रकेतू !! !! गणाध्यक्ष !! !! भालचन्द्र !! !! विध्न-नाश !! !! गजानन !!
पिता – भगवान शिव
माता – भगवती पार्वती
भाई – श्री कार्तिकेय
बहन – मॉं संतोषी
पुत्र – दो (1) शुभ (2) लाभ
पत्नी – दो (1) रिद्धि (2) सिद्धि
प्रिय भोग – मोदक
प्रिय पुष्प – लाल रंग के (विशेष) गुड़हल
प्रिय वस्तु – दुर्वा (दूब)
वाहन – मूषक
आप सभी को गणेश उत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं
2 comments:
क्या गणेश देवता के चक्कर में पडॆ हो
आज तो जाट देवता के ब्लॉग पर देख लो
क्या खास है।
आज कल नहीं।
बुरा न मन्ना दोस्त ,
गणेश तो रिध्धि सिध्धि , बुध्धि के देवता हैं, ये जाट देवता किसके हैं.
गणेश से तो कुछ उम्मीद है, जाट कहीं आपना ही घर भारतें हैं या कभी किसी को कुछ दिया भी है.
जाट देवता के कुछ महिमा बताइए , हमारा क्या है हम तो बनिए हैं , जहा फ़ायदा होगा उसी के चक्कर में पड़ जाएँगे.
उनकी परिवार सहित तस्वीर भी भेजियेगा, अपने पूजा के आले में लगाने को .
विनीत
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