10.8.11
मेट्रो में गडबडी : मुझे क्या : मुझे जल्दी है : लगता है तुम्हे कोई काम नहीं है
एक खबर : दिल्ली से सटे शहरों में मेट्रो सेवा का विस्तार
एक खबर :
केंद्र सरकार ने बताया कि दिल्ली से सटे शहरों में मेट्रो सेवा का विस्तार किया जा रहा है.
तथ्य :
उधार के पैसे से बनी मेट्रो के कलमाड़ी ढूढने की फुर्सत किसे है .
मेट्रो में बड़े बड़े प्लाट काट कर गिने चुने बिल्डरों को नाम मात्र की कीमत पर बेचे गए. यदि छोटे प्लाट काटते तो आम जनता उन्हें खरीद सकती थी और ज्यादा पैसे दे सकती थी . पर इन्हें तो कीमत को इतना बड़ा करना था की इनके चहेते लोग ही खरीद कर , ऊँचे रेट पर बेच सकें .
अभी मेट्रो चले कितना समय हुआ है , अभी से मेट्रो के एयर-कंडीशन खराब रहते हैं .
टोकन पर लंबी लंबी लाइने रहती हैं .
सुरक्षा के नाम पर लंबी लाइने लगी रहती है , इतने पुलिस वाले हो कर भी ,
यदि कोई गलती से एक स्टॉप आगे चला जाये , और वहां पर ही उतरना चाहे , उन्हें बता कर भी , तो उसे बिना टिकट मान कर भारी जुर्माना किया जायेगा.
यह लिस्ट बहुत लंबी है ,
दिल्ली के लोगों को , ब्लॉग लिखने वालों को सब पता है, पर वे तो सत्ता परिवर्तन , हजारे जैसे बड़े बड़े कामों में व्यस्त हैं .
मैंने देखा है , हिन्दुस्तानी नागरिक , इतना स्वार्थी हो गया है , कि कहीं होने वाली दुर-व्यवस्था को अनदेखा करता रहता है , कोन समय खराब करे
यही कारण है देश में फैले भ्रष्टाचार का .
हरी बोल
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