भारत सरकार द्वारा हजारे की म्रत्यु का इंतज़ार
माना कि जनता हजारे को सपोर्ट कर रही है , पर हजारे की उम्र ज्यादा है और स्वस्थ्य भी नहीं है.
ये सोचना भी बरा डरावना है कि कभी हजारे हमारे जीवन में नहीं होंगे .
पर भारत सरकार का क्या बिगरेगा .यह कोई ब्रिटिश सरकार नहीं है जिसे दया हो .डर हो ,
ना ही यह गाँधी की वह भूख हरताल है , जो पाकिस्तान को ५५ करोड दिलाने के लिए , कि सरकार को झुकना ही परे .
यहाँ तो झुकने का मतलब है , सरकारी लोगों का, नेताओं का भूके मरना ,
और यदि खुद के मरने और हजारे के मरने में से एक को चुनना परे , तो आप किसे चुनेंगे ,
रही जनता की बात तो जनता की याददाश्त बहुत कम होती है
कुछ दिन जलूस नारे , गिरफ्तारियां , कुछ के खिलाफ ता उम्र केस , और बस फिर सब पहले जैसा ,
मुन्नी बदनाम भी हो गयी तो मुन्नी का क्या बिगरा, और उलटे शीला जवान हो गई
हजारे भूखे लेटे रहो , देश तुम्हारे साथ है,
यदि तुम मर गए तो हम ईट से ईट बजा देंगे . (पर देखो मर जाना, समझोता नहीं करना)
वर्ना लोग मुझे क्या कहेंगे कि यही है तुम्हारा अन्ना जो मरा भी नहीं ,
राम देव भी मरने के डर से भाग लिया था
पता नहीं जन नेताओं को जान इतनी प्यारी क्यों होती है !
उनका तो काम है देश के लिए मरना ,
इसलिए हजारे जिंदाबाद ,अन्ना हजारे अमर रहे,
जब तक सूरज चाँद रहेगा , हजारे तेरा नाम रहेगा .
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हजारे को सप्पोर्ट करना है तो एक दिन भूखे रह कर देखो
एक एक आत्मा की शक्ति से ही , यह भ्रष्टाचार का रक्तबीज मरेगा .
यदि हजारे की भूख में दम है तो आपकी में भी कुछ तो होगा
पर जबानी सप्पोर्ट आसान है , जल्दी क्या है , भगत सिंह हो , सुभाष हो तो दूसरे घर में ,
मेरे घर में तो राहुल हो, सचिन हो, शारुख हो अम्बानी हो .
हजारे अच्छा काम कर रहे हैं ,
कल में भी जा कर सप्पोर्ट करता हुआ ही पिक्चर जाऊंगा और वहीँ से मैक डोनाल्ड में कुछ भी खा लूँगा.
हजारे कुछ और भूखे लेते रहेते , देश तुम्हारे साथ था
यदि तुम मर जाते तो हम ईट से ईट बजा देते
हजारे जिंदाबाद , हजारे अमर रहे, जब तक सूरज चाँद रहेगा , हजारे तेरा नाम रहेगा .
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1 comment:
सचमुच एक दिन भूखे रहना चाहिए .. आपके इस खास लेख से हमारी वार्ता समृद्ध हुई है!!
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